- रचयिता - गुलज़ार
गायिका - वाणी जयराम
हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें।
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें।
भेदभाव अपने दिल से, साफ कर सकें।
दोस्तों से भूल हो तो, माफ कर सकें।
झूठ से बचे रहें, सच का दम भरें।
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें।
॥ हम को मन की शक्ति देना...॥
मुश्किलें पड़े तो हम पे, इतना कर्म कर।
साथ दे तो धर्म का, चलें तो धर्म पर।
खुद पे हौसला रहे, बदी से ना डरें।
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें।
हम को मन की शक्ति देना, मन विजय करें।
दूसरों की जय से पहले, खुद को जय करें।